कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे - गोपाल दास नीरज

स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से लुट गये सिंगार सभी बाग़ के बबूल से और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे। कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे। ...
- July 20, 2018
कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे - गोपाल दास नीरज कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे - गोपाल दास नीरज Reviewed by Dakhni on July 20, 2018 Rating: 5
चलता हूँ, अभी चलता हूँ - गोपालदास नीरज चलता हूँ, अभी चलता हूँ - गोपालदास नीरज Reviewed by Dakhni on July 20, 2018 Rating: 5

हम तो मस्त फकीर - गोपाल दास नीरज

हम तो मस्त फकीर, हमारा कोई नहीं ठिकाना रे। जैसा अपना आना प्यारे, वैसा अपना जाना रे। रामघाट पर सुबह गुजारी प्रेमघाट पर रात कटी बिना छावन...
- April 20, 2018
हम तो मस्त फकीर - गोपाल दास नीरज हम तो मस्त फकीर - गोपाल दास नीरज Reviewed by Dakhni on April 20, 2018 Rating: 5
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस - गोपालप्रसाद व्यास नेताजी सुभाषचन्द्र बोस - गोपालप्रसाद व्यास Reviewed by Dakhni on January 23, 2018 Rating: 5

ईदगाह - प्रेमचंद

रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है,...
- January 18, 2018
ईदगाह - प्रेमचंद ईदगाह - प्रेमचंद Reviewed by Dakhni on January 18, 2018 Rating: 5
Powered by Blogger.